अमेरिका ने रूस के खिलाफ उठा लिया ये बहुत बड़ा कदम, कई दिनों से चल रही थी इसकी प्लानिंग

अमेरिका ने रूस के खिलाफ उठा लिया ये बहुत बड़ा कदम, कई दिनों से चल रही थी इसकी प्लानिंग

अमेरिका ने रूस के खिलाफ उठा लिया ये बहुत बड़ा कदम

अमेरिका ने रूस के खिलाफ उठा लिया ये बहुत बड़ा कदम, कई दिनों से चल रही थी इसकी प्लानिंग

वॉशिंगटन। यूक्रेन पर हमले के विरोध में रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों का दायरा बढ़ता जा रहा है। अब अमेरिका ने रूस से तेल, प्राकृतिक गैस और कोयले के आयात पर पाबंदी लगा दी है। ब्रिटेन ने भी इस साल के अंत तक चरणबद्ध तरीके से रूस से तेल और तेल उत्पादों का आयात खत्म करने की घोषणा की है। साथ ही यूरोपीय संघ भी इस साल के आखिर तक रूसी गैस पर अपनी दो तिहाई निर्भरता घटाने की तैयारी में हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अमेरिका व पश्चिमी देशों से कई बार रूसी तेल आयात में कटौती का अनुरोध किया था। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा कंपनी शेल, जर्मन स्पो‌र्ट्स वियर निर्माता एडिडास, सौंदर्य प्रसाधन कंपनी एस्टी लाडर व केल्विन क्लेन आदि ने भी रूस में अपनी गतिविधियों को समेटने की घोषणा की है। कार निर्माता फाक्सवैगन ने कई हाइब्रिड माडलों के आर्डर लेने बंद कर दिए हैं। मैक्डोनाल्ड ने भी रूस में अपने 850 रेस्तरां बंद करने की घोषणा की है।

व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, 'हम रूस से तेल और गैस ऊर्जा का आयात बंद कर रहे हैं। अमेरिका के लोगों की तरफ से पुतिन के लिए यह बड़ा झटका होगा।' बाइडन ने कहा कि रूस भले ही यूक्रेन में सबकुछ कुचलते हुए आगे बढ़ रहा है, लेकिन वह किसी एक या दो शहरों पर ही कब्जा कर सकता है। पूरे यूक्रेन पर रूस का कब्जा कभी नहीं होगा। पुतिन को इसकी भारी कीमत चुकानी पडे़गी। गौरतलब है कि बीते कई दिनों रूसी तेल बैन करने को लेकर योजना बनाई जा रही थी।

व्हाइट हाउस की तरफ से बताया गया कि बाइडेन रूस से तेल, लिक्विफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) और कोयले के आयात पर प्रतिबंध लगाने वाले एक्जिक्यूटिव आर्डर पर हस्ताक्षर करेंगे। इससे अमेरिकी नागरिक रूस के ऊर्जा क्षेत्र में निवेश भी नहीं कर सकेंगे। बता दें कि अमेरिका सामान्य तौर पर रूस से प्रतिदिन एक लाख बैरल कच्चे तेल का आयात करता है, जो उसके कुल निर्यात का करीब पांच प्रतिशत है।

अमेरिका में तेल की कीमतें बढ़ीं

रूस से तेल के आयात पर प्रतिबंध की घोषणा से पहले ही अमेरिका में तेल की कीमतों में भारी उछाल आ गया है। पिछले हफ्ते गैसोलिन की कीमत प्रति गैलन 45 सेंट थी, जो सोमवार को 4.06 डालर पर पहुंच गईं।